













- Brand: Pravasi Prem Publishing India
- Language: HIndi
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 21.00cm x 16.00cm x 2.64cm
- Page Count: 216
- ISBN: 9788198487643
“आज, आदरणीय रामबहादुर
राय व्यक्ति नहीं, संस्था हैं । वे दृष्टिवान संपादक,
राजनीतिक चिंतक, समाज–विचार, संस्कृति और संविधान के गंभीर अध्येता हैं । रामबहादुर जी छात्र आंदोलनों व बिहार आंदोलन की
अग्रिम पंक्ति के अगुआ रहे । लोकनायक जयप्रकाश नारायण से आत्मीयता रही । बहुआयामी
व्यक्तित्व के धनी रामबहादुर जी का सहज, सरल, सादगी संपन्न व्यक्तित्व बाँधता है । वह बौद्धिक राजनीति के अगुआ हैं ।
राजनीति और साहित्य के बीच सेतु हैं वह ।“
श्री
हरिवंश , उप सभापति, राज्यसभा
भारतीय पत्रकारिता और चिंतन की परंपरा में राम
बहादुर राय एक विशिष्ट नाम हैं। आपातकाल से लेकर आज़ाद भारत की लोकतांत्रिक
चुनौतियों तक उनकी कलम ने न केवल घटनाओं को दर्ज किया, बल्कि उनके भीतर छिपे सच को उद्घाटित
भी किया।
जनसंचार
और पत्रकारिता के प्रोफेसर कृपा शंकर चौबे की यह पुस्तक श्री राय के
लेखन की समीक्षा मात्र नहीं है, बल्कि
एक वैचारिक यात्रा है—जहाँ पत्रकारिता, राजनीति, समाज और संस्कृति पर उनकी
गहरी दृष्टि पाठकों को सोचने के नए आयाम देती है। उनके लेख तथ्यों के कठोर धरातल
पर खड़े होकर भी मानवीय संवेदना और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति गहरे सरोकार से
भरे हुए हैं। समकालीन
भारत को समझने के लिए यह संकलन एक दर्पण है—जहाँ सत्ता और समाज के बदलते समीकरणों
पर निर्भीक विश्लेषण मिलता है।